अश्वनी कौशिक जगदलपुर
जगदलपुर। बस्तर के आदिवासियां सरल और सादगी जीवन जीते हैं लेकिन इसी साधण सरलता ही आदिवासी के लिए मुसीबत बन जाता है इनकी मासूमियत का फायदा उठाकर राज किया जाता है ऐसे कई उदाहरण है जो समय-समय पर इन आदिवासियों की विश्वास कों गैर आदिवासी के द्वारा धोखाधड़ी कर फायदा उठाया जाता है या इन सब को मुसीबत में डाल देते हैं ऐसा ही एक मामला है जो कई वर्षों से चलती आ रहे हैं आज तक आदिवासी नया के आस में दरबदर भटक रहे हैं आदिवासी के चेक का दुरुपयोग करते हुए आदिवासी के विरुद्ध झूठे केस में फंसा कर जेल भेजने की धमकी देते हुए जातिगत एवं अश्लील गाली- गलौज कर जाते हैं शिकायत करने पर आज तक ना तो कोई कार्यवाही हुआ है और ना ही मैं मिलने की आस दिख रही है बस्तर और सरगुजा में पांचवी अनुसूची लागू है. यहां गैर आदिवासी आदिवासी की संपत्ति और किसी प्रकार का लेनदेन अवैध घोषित किया जाता है पुलिस प्रशासन मौन ,पीड़ित उपचंद बाकड़े द्वारा 21 दिसम्बर 2022 को प्रस्तुत शपथपत्र सहित न्याय की मांग की लेकिन कोई सुनने वाले नहीं हैं अब छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज उग्र आंदोलन करनें की तैयारी में आदिवासी बोलकर गाली-गलौज कर अपमानित करने वाले पर 1 वर्ष बाद भी अपराध कायम क्यों नहीं?.
प्रताड़ित करने वाला शंकल्प दुबे
छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज जगदलपुर प्रेसित पत्र में 23 आदिवासी युवक का धोखाधड़ी पूर्वक चेक का दुरूपयोग करते हुए लाखों रूपए देने का दबाव बनाने और आदिवासी बोलकर गाली-गलौज कर अपमानित करने वाले आरोपियों के विरूद्ध की गई लिखित शिकायत के 12 माह से अधिक समय पश्चात भी एफआईआर दर्ज नहीं करने और आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करने 116 के तहत मजिस्ट्रेट बयान दर्ज किया जाए सर्व आदिवासी समाज नें पत्र के माध्यम से प्रेषित किया हैं आज पर्यंत तक इस पर कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है। आदिवासी समाज से जुड़े 71/2022-23 हल्बा समाज के गरीब आदिवासी युवक उपचंद बाकड़े के द्वारा विगत 26 जून 2022 को संकल्प दुबे एवं नीलेश कुमार शुक्ला द्वारा जातिगत आपत्तिजनक शब्दों से अपमानित करने की शिकायत अजाक थाना में दी गई थी.
प्रताड़ित करने वाला नीलेश कुमार शुक्ला
बस्तर और सरगुजा में पांचवी अनुसूची लागू है और पेशा कानून भी लागू है जिसके अंतर्गत किसी आदिवासी की संपत्ति का दुरुपयोग गैर आदिवासी द्वारा नहीं किया जा सकता जोकि जो कि पेशा कानून से लेकर आदिवासी अनुसूचित क्षेत्र के नियमों का पूरा उल्लंघन किया गया है जिस पर आपको पुन: 19 जुलाई 2022 को पीड़ित उपचंद बाकड़े ने आवेदन कर उक्त आरोपियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था। 03 अगस्त 2022 को आदेशित करने के उपरांत पीड़ित उपचंद बाकड़े को अजाक थाना बुलाया गया और उनका कथन लिया गया। इसके उपरांत आज पर्यंत तक आरोपियों के विरूद्ध न तो एफआईआर दर्ज की गई है और न ही उन्हें गिरफ्तार किया गया है.
पीड़ित आदिवासी युवक उपचंद बाकड़े
उक्त आरोपियों द्वारा पीड़ित उपचंद बाकड़े के परिवार को येन-केन-प्रकारेण प्रताड़ित करते हुए शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। आरटीआई सूचना के अधिकार के तहत जानकारी प्राप्त हुई है कि आदिवासी अनुसूचित जनजाति थाना प्रभारी टीप लिखा है कि” शिकायत जांच निराधार पाया गया , मामला चेक संबंधित होने एवं माननीय न्यायालय में लंबित होने से पुलिस हस्तक्षेप योग्य पटक होने से फाइल किया जितनी भी बयान लिए गए हैं, किसी को भी पढ़ने नहीं दिया गया जबरदस्ती हस्ताक्षर कराया गया पुलिस कार्रवाई करेगी बोलकर हस्ताक्षर करा लिया गया विचारणीय प्रश्न है कि चेक से संबंधित मामला न्यायालय में होने पर क्या एक अनुसूचित जाति एवं जन जातिको संकल्प दुबे और निलेश कुमार शुक्ला द्वारा को प्रताड़ित करने
गाली गलौज ब्लैक मेलिंग करने क्या दिया जा सकता है जो अपराध का विषय है.
उपरोक्त संदर्भ में पीड़ित उपचंद बाकड़े के द्वारा अपना शपथ पत्र आपके समक्ष प्रस्तुत किया गया है, जिसकी प्रति पुन: अवलोकनार्थ प्रस्तुत है। यदि उक्त आरोपियों के विरूद्ध तत्काल कार्यवाही नहीं की गई तो पीड़ित उपचंद बाकड़े एवं उसके परिवार के सदस्यों के साथ उक्त आरोपियों द्वारा कभी भी कोई अप्रिय घटना कारित किया जा सकता है, जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी पुलिस विभाग की होगी। छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज उग्र आंदोलन करेगा, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी पुलिस विभाग की होगी।